नई दिल्ली: रविवार को प्रकाशित एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने नक्सलवाद के एक मामले में धन और आपत्तिजनक दस्तावेजों की बरामदगी को लेकर झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम में नौ स्थानों पर तलाशी ली। उन्होंने कहा कि शनिवार को नौ स्थानों पर प्रतिबंधित आतंकी समूह सीपीआई (माओवादी) के संदिग्धों और ग्राउंड ऑपरेटिव्स (ओजीडब्ल्यू) के परिसरों की तलाशी के दौरान एनआईए टीमों ने मोबाइल फोन, मेमोरी कार्ड, सिम कार्ड और अन्य आपत्तिजनक सामग्री जब्त की।
मामला 20 लीटर प्लास्टिक ड्रम की बरामदगी और जब्ती से जुड़ा है जिसमें 10,50,000 रुपये नकद, एक वॉकी-टॉकी, एक सैमसंग टैबलेट, एक पावर बैंक, एक रेडियो, एक कर संग्रह रसीद, एक पुल थ्रू, जिलेटिन की छड़ें थीं। एनआईए द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि सीपीआई (माओवादी) सदस्य मिसिर बेसरा से संबंधित एक चोकर, टाइटेनियम चश्मा और अन्य आपत्तिजनक वस्तुएं।
उन्होंने कहा कि हुसिपी और राजभासा गांवों के बीच वन क्षेत्रों में दबी हुई ये सामग्रियां राजेश देवगम नाम के एक आरोपी के खुलासे के बाद बरामद की गईं।
मामला शुरू में मार्च 2024 में झारखंड के चाईबासा जिले के टोंटो पुलिस स्टेशन में पांच आरोपियों के खिलाफ दर्ज किया गया था, और बाद में जुलाई में एनआईए द्वारा लिया गया।
बयान में कहा गया है कि जांच से कुछ संदिग्धों और ओजीडब्ल्यू की पहचान हुई, जो कथित तौर पर वर्तमान मामले में एफआईआर में नामित आरोपियों और सीपीआई (माओवादी) के अन्य वरिष्ठ कैडरों को उनकी अवैध/आपराधिक गतिविधियों के अभियोजन के लिए साजो-सामान सहायता प्रदान करने में शामिल थे। कहा।
उन्होंने बताया कि मामले में एनआईए की चल रही जांच के तहत इन संदिग्धों और ओजीडब्ल्यू के परिसरों पर शनिवार की तलाशी ली गई।